उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने प्रेमी और उसके साथी के साथ मिलकर अपने ही पति की हत्या करवा दी। यह सनसनीखेज वारदात जिले के किरतपुर कस्बे की है। 27 वर्षीय मोहम्मद फारूख का शव रामपुर आशा गांव के जंगल से बरामद हुआ था। शव मिलने के बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की और जो सच सामने आया, उसने सभी को चौंका दिया।

जंगल में मिली लाश, पुलिस को हुई गड़बड़ी की आशंका
रामपुर आशा गांव के जंगल में एक व्यक्ति का शव पड़े होने की सूचना किरतपुर थाना पुलिस को दी गई थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव की शिनाख्त मोहम्मद फारूख के रूप में हुई, जो ढोलकियान मोहल्ला, किरतपुर का रहने वाला था। शव की स्थिति देखकर प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत हो रहा था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और फारूख के परिजनों से पूछताछ की।
दोस्ती में छिपा था साजिश का बीज
परिजनों ने पुलिस को बताया कि फारूख को आखिरी बार मोहल्ले के ही रहने वाले मेहरबान अली और मोहम्मद उमर के साथ देखा गया था। यह भी बताया गया कि इन दोनों की फारूख की पत्नी अमरीन से भी करीबी जान-पहचान थी। पुलिस ने मेहरबान और उमर को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की। पहले तो दोनों ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उन्होंने पूरी सच्चाई उगल दी।
खुलासा: पत्नी के कहने पर की गई हत्या
मेहरबान और उमर ने पुलिस को बताया कि उनकी फारूख की पत्नी अमरीन से गहरी दोस्ती थी। दोनों के अमरीन से शारीरिक संबंध भी थे। अमरीन अपने पति फारूख से परेशान थी और उससे छुटकारा पाना चाहती थी। वह अब मेहरबान के साथ जिंदगी बिताना चाहती थी। इसी मकसद से उसने मेहरबान को चांदी के कुछ जेवरात दिए और फारूख को रास्ते से हटाने को कहा।
कत्ल की रात: पहले दोस्ती, फिर धोखा
मेहरबान और उमर ने बताया कि उन्होंने हत्या के लिए तमंचा और कारतूस खरीदे। रविवार के दिन मौका देखकर उन्होंने फारूख को मोटरसाइकिल पर अपने साथ बैठाया और रामपुर आशा गांव के जंगलों की ओर ले गए। वहां फारूख को एक के बाद एक करके पांच गोलियां मारी गईं। फारूख की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद दोनों आरोपी वहां से फरार हो गए।
अमरीन ने भी कबूला जुर्म
जैसे ही पुलिस को हत्या में अमरीन की भूमिका का शक हुआ, उसे भी हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। अमरीन ने पूछताछ में बताया कि वह गाजियाबाद की रहने वाली है और सात साल पहले उसकी शादी मोहम्मद फारूख से हुई थी। उनके दो बच्चे भी हैं। लेकिन अमरीन का आरोप था कि फारूख उस पर बेवजह बंदिशें लगाता था, जबकि वह स्वतंत्र विचारों वाली महिला है।
अमरीन ने आगे बताया कि एक समारोह में उसकी मुलाकात मेहरबान से हुई थी, जो धीरे-धीरे गहरी दोस्ती में बदल गई। दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए और अमरीन फारूख से तलाक लेकर मेहरबान के साथ जिंदगी बिताना चाहती थी। बाद में उमर से भी उसकी नजदीकी बढ़ी और दोनों ने मिलकर अमरीन की परेशानी को दूर करने का तरीका निकाला — फारूख की हत्या।
तीनों आरोपी गिरफ्तार
बिजनौर के एसपी सिटी डॉ. संजीव बाजपेई ने बताया कि पुलिस ने मेहरबान अली, मोहम्मद उमर और अमरीन तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है और हत्या की पूरी साजिश का ब्योरा पुलिस को दे दिया है। आरोपियों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।
समाज के लिए गंभीर चेतावनी
यह घटना न सिर्फ एक व्यक्ति की निर्मम हत्या की कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि व्यक्तिगत रिश्तों में जब नैतिकता और कानून का स्थान स्वार्थ और हवस ले लेता है, तो उसका अंजाम कितना भयावह हो सकता है। विवाह जैसे पवित्र बंधन में विश्वास और सम्मान की जगह जब धोखे और साजिशें ले लें, तो ऐसे ही अपराध जन्म लेते हैं।
पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से यह मामला जल्द ही सुलझा लिया गया, लेकिन यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि रिश्तों की बुनियाद कितनी कमजोर होती जा रही है।