मेरठ के मवाना थाना क्षेत्र से सामने आए इस मामले ने सामाजिक और मानवीय संवेदनाओं को झकझोर दिया है। हापुड़ निवासी एक विवाहित महिला ने अपने तीन छोटे बच्चों के साथ थाने में पहुंचकर एक शादीशुदा युवक और उसकी पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का आरोप है कि उस दंपती ने उससे “बच्चा पैदा करने का सौदा” किया था, लेकिन अब उसे और उसके बच्चों को बेसहारा छोड़ दिया गया है।

घटना की शुरुआत
तीन साल पहले पीड़ित महिला की मुलाकात मेरठ के एक निजी अस्पताल में एक युवक से हुई थी, जहां दोनों काम करते थे। युवक पहले से शादीशुदा था और महिला भी विवाहित थी। युवक और उसकी पत्नी ने महिला से कहा कि उनकी पत्नी मां नहीं बन सकती, इसलिए वे उससे बच्चा चाहते हैं। इसके बदले उन्होंने वादा किया कि वे महिला और उसके बच्चों को जिंदगी भर अपने साथ रखेंगे और उनकी देखभाल करेंगे।
पंचायत में हुआ सौदा
महिला के अनुसार, यह पूरा करार मवाना क्षेत्र की एक पंचायत के सामने हुआ, जिसमें ग्राम प्रधान की मौजूदगी में दस्तावेज भी तैयार किए गए। इन कागजों पर पंचायत की मोहर भी लगी हुई है। महिला ने बताया कि वह खुद तीसरे बच्चे के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन युवक के कहने पर उसने हामी भर दी। इसके बाद महिला अपना घर-परिवार छोड़कर युवक के पास चली आई, ताकि उसे बच्चा दे सके। इस कदम के चलते उसके मायके और ससुराल दोनों ने उससे नाता तोड़ लिया। महिला का पति भी उसे साथ रखने को तैयार नहीं है।
दो साल तक साथ, फिर बदला रुख
महिला का दावा है कि वह युवक के साथ दो साल तक रही और उसे एक बेटा भी हुआ। लेकिन अब युवक और उसकी पत्नी ने महिला और उसके अन्य दो बच्चों को घर से निकाल दिया है। महिला का आरोप है कि बच्चा मिलने के बाद दंपती का रवैया बदल गया और वे अब उसे रखने को तैयार नहीं हैं। महिला और उसके बच्चे अब बेघर और बेसहारा हो गए हैं।
थाने में इंसाफ की गुहार
बेसहारा महिला शुक्रवार को अपने तीन बच्चों के साथ थाने पहुंची और वहां जमकर हंगामा किया। उसने रोते हुए कहा कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह अपने तीनों बच्चों सहित थाने के बाहर आत्मदाह कर लेगी। महिला के पास पंचायत द्वारा बनाए गए कथित सहमति पत्र की कॉपी भी है, जो उसने पुलिस को सौंपी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी का कहना है कि महिला के लगाए गए आरोपों की गंभीरता से जांच की जा रही है। अगर दस्तावेज सही पाए गए, तो आरोपी युवक और उसकी पत्नी पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी1।
सामाजिक और कानूनी सवाल
यह मामला कई सामाजिक और कानूनी सवाल खड़े करता है। एक ओर, महिला ने अपने परिवार और समाज की परवाह किए बिना केवल दूसरे के लिए बच्चा पैदा करने का फैसला लिया, वहीं दूसरी ओर, कथित सौदे के बाद उसे और उसके बच्चों को बेसहारा छोड़ दिया गया। पंचायत के दस्तावेज और ग्राम प्रधान की मौजूदगी में हुआ समझौता भी इस मामले को और जटिल बना देता है।
पुलिस की भूमिका
पुलिस ने महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि महिला के आरोपों की गंभीरता से जांच की जा रही है और पंचायत के दस्तावेजों की भी सत्यता परखी जा रही है। यदि आरोप सही पाए गए तो आरोपी युवक और उसकी पत्नी पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
यह मामला न केवल व्यक्तिगत स्तर पर पीड़िता के लिए त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा सवाल है कि आर्थिक, सामाजिक और भावनात्मक मजबूरियों में लोग किस हद तक जा सकते हैं। साथ ही, ऐसे मामलों में पंचायत और स्थानीय प्रशासन की भूमिका तथा महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा पर भी गंभीर मंथन की आवश्यकता है।
“अगर मुझे न्याय नहीं मिला, तो मैं अपने तीनों बच्चों के साथ थाने के बाहर आत्मदाह कर लंगी। – पीड़िता महिला
यह घटना समाज के सामने एक आईना है, जिसमें संवेदनाओं, नैतिकता और कानून की जटिलता साफ दिखाई देती है।