ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के बड़ागड़ा इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक घरेलू नौकर ने अपने मालिक की पत्नी और नाबालिग बेटी का यौन उत्पीड़न किया। आरोपी ने दोनों की अश्लील तस्वीरें और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया और कई बार दुष्कर्म किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है।

घटना की पूरी कहानी
- परिवार की स्थिति: पीड़िता महिला का पति बाहर नौकरी करता था, जिससे घर में अक्सर सिर्फ महिला और उसकी नाबालिग बेटी ही रहती थीं। इसी दौरान घर में काम करने वाले नौकर सरोज कुमार बेहरा ने उनकी जिंदगी को नर्क बना दिया1।
- आरोपी की पहचान: आरोपी का नाम सरोज कुमार बेहरा है, जो जाजपुर जिले का निवासी है। वह घरेलू कामकाज के लिए पीड़िता के घर में रहता था।
- अपराध की शुरुआत: आरोपी ने महिला और उसकी नाबालिग बेटी की तस्वीरें और वीडियो चुपके से बना लिए। उसने इन तस्वीरों और वीडियो के वायरल करने की धमकी देकर दोनों को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
- ब्लैकमेलिंग और दुष्कर्म: ब्लैकमेलिंग के चलते महिला और उसकी बेटी मानसिक दबाव में आ गईं। आरोपी ने इसी का फायदा उठाकर पिछले कुछ हफ्तों में कई बार दोनों के साथ दुष्कर्म किया।
- शिकायत और गिरफ्तारी: महिला ने शनिवार को बड़ागड़ा पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
- पहले से दर्ज मामला: जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी के खिलाफ जाजपुर थाने में पहले से भी एक मामला दर्ज है।
पुलिस की कार्रवाई और कानूनी धाराएँ
- पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), आईटी अधिनियम और पोक्सो अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
- पुलिस अधिकारी के अनुसार, मामले की आगे की जांच जारी है और आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया के लिए कोर्ट में पेश किया जाएगा।
- आरोपी के खिलाफ पहले से दर्ज आपराधिक मामला भी पुलिस की जांच के दायरे में है।
सामाजिक और कानूनी सन्दर्भ
- यह घटना घरेलू नौकरों की पृष्ठभूमि की जांच और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। परिवारों को अपने घर में काम करने वाले लोगों की पृष्ठभूमि की जांच अवश्य करनी चाहिए।
- महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए समाज और प्रशासन को मिलकर सतर्कता बरतनी होगी।
- पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी राहत की बात है, लेकिन ऐसे मामलों में पीड़िताओं को मानसिक और कानूनी सहायता की भी आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष
भुवनेश्वर की यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि घर के भीतर भी सुरक्षा की अनदेखी नहीं की जा सकती। आरोपी ने विश्वास का घोर दुरुपयोग किया और परिवार की कमजोर स्थिति का फायदा उठाया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन समाज को भी सतर्क रहना होगा ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पीड़ित महिला और उसकी बेटी के लिए न्याय और पुनर्वास की प्रक्रिया को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।