उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस ने एक ऐसे खतरनाक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो हत्या को सड़क दुर्घटना का रूप देकर मृतक की बीमा पॉलिसी की रकम हड़पता था। पुलिस ने इस मामले में सात लोगों-वेदप्रकाश, कमल सिंह, निर्देश कुमार, उदयभान सिंह, प्रेमशंकर, सुनील कुमार और ओमप्रकाश-को गिरफ्तार किया है।

गिरोह का तरीका
- यह गिरोह गरीब और अनपढ़ लोगों को अपना निशाना बनाता था।
- सबसे पहले, वे अपने शिकार के नाम पर बड़ी रकम की बीमा पॉलिसी लेते थे। उदाहरण के लिए, सलीम के नाम पर 88 लाख रुपये और अमन के नाम पर 2.70 करोड़ रुपये की पॉलिसी ली गई थी।
- कुछ समय बाद, इन व्यक्तियों की हत्या को सड़क दुर्घटना जैसा दिखाकर अंजाम दिया जाता था।
- हत्या के बाद, बीमा कंपनियों से एक्सीडेंट क्लेम डालकर लाखों-करोड़ों रुपये की रकम हासिल की जाती थी।
- गिरोह ने अब तक 9 हत्याओं को एक्सीडेंट का रूप दिया और एक और हत्या की योजना बना रहा था।
पुलिस जांच और खुलासा
- 2022 में सलीम और 2023 में अमन की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस को शुरू में कोई शक नहीं हुआ, क्योंकि दोनों मामलों को सड़क दुर्घटना मानकर फाइल बंद कर दी गई थी।
- फरवरी 2025 में शाहरुख नामक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद उसके मोबाइल से मिली चैट्स के आधार पर पुलिस को गिरोह की सच्चाई का पता चला।
- जांच में सामने आया कि अमन के मामा वेदप्रकाश ने अपने साथियों के साथ मिलकर अमन की हत्या की योजना बनाई थी, और बीमा की रकम का क्लेम भी किया था।
- पुलिस ने पाया कि सलीम की हत्या के बाद भी गिरोह ने 75 लाख रुपये की बीमा राशि हड़प ली थी।
गिरोह की कार्यशैली
- गिरोह के सदस्य अपने शिकार के परिवार के लोगों से सरकारी योजना या अन्य लाभ दिलाने के नाम पर दस्तावेज और बैंक डिटेल्स लेते थे।
- बीमा पॉलिसी का प्रीमियम भी खुद भरते थे, ताकि परिवार को शक न हो।
- बीमा क्लेम की रकम आने पर, खाते और डेबिट कार्ड अपने कब्जे में रखते थे और रकम निकाल लेते थे।
- कई बार मृतकों के नाम पर भी बैकडेट में फर्जी पॉलिसी कराई जाती थी।
पुलिस की कार्रवाई
- पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है।
- अब तक इस गिरोह द्वारा की गई 9 हत्याओं की पुष्टि हुई है, जबकि एक और हत्या की योजना बनाई जा रही थी।
निष्कर्ष
संभल में पकड़े गए इस बीमा पॉलिसी गैंग ने गरीब और अनपढ़ लोगों को निशाना बनाकर पहले बीमा पॉलिसी ली, फिर उनकी हत्या को सड़क हादसा दिखाकर करोड़ों रुपये की बीमा राशि हड़प ली। पुलिस की सतर्कता और गहन जांच के चलते इस संगठित अपराध का पर्दाफाश हो सका और सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।